स्वतंत्रतापूर्वक जीना अपना अधिकार लेकिन कर्तव्यों को भी समझना जरूरी

आज हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। स्वछंद हवा है, खुला आसमान है और उन्मुक्त होकर हम सांस ले पा रहे हैं। यह आज़ादी, यह स्वतंत्रता कितने बलिदानों से मिली है, इसे समझना होगा। मां भारती को गुलामी की बेडिय़ों से आज़ाद करवाने के लिए न जाने कितने वीरों ने अपना सर्वस्व होम कर दिया। शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव सहित अनगिनत रणबांकुरों ने अपने आप को बलिदान कर दिया। इसी भांति समय-समय पर अनेक आंदोलन हुए और न जाने कितने देशभक्तों ने यातनाएं व अत्याचार सहे। आखिरकार स्वतंत्रता सेनानियों की मेहनत रंग लाई और हम 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हो गए।
आज के दौर में हम निरंतर विकास के पायदान पर अग्रसर हैं। पूरी दुनिया में हमारे देश का डंका बज रहा है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश ने नए आयाम स्थापित किए हैं। देश को आगे बढ़ाने की यह प्रक्रिया सतत रूप से जारी है। अन्य क्षेत्रों सहित सामरिक दृष्टि से भी हम सुदृढ़ हुए हैं और किसी दुश्मन की हिम्मत नहीं है कि वह हमारे देश की तरफ टेढ़ी नज़र से देख सके।
विकास के पथ पर कदम बढ़ाते हुए हमें अपने कर्तव्यों को भी याद रखना होगा। यह देश हमारा है और देश की बेहतरी के लिए हमें ही मिलकर कार्य करना होगा। सद्भाव, सहृदयता व एकजुटता का परिचय देते हुए हुए हम सभी को मिलकर देश में समरसता का माहौल बनाना होगा। इसी भांति स्वच्छता के भाव को अपने जीवन में अपनाते हुए व्यक्तिगत स्तर पर भी सफाई के प्रयास करने होंगे। इसी तरह देश को तोडऩे वाली ताकतों को मिलकर मुंहतोड़ जवाब देना होगा। यदि हम अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को भी सही ढंग से समझेंगे तो आज़ादी के मायने और भी बेहतर हो जाएंगे।

  • तरुण जैन
    भाजपा जिला उपाध्यक्ष, हिसार